जो आज हैं वो कल नहीं होंगे जो कल थे वो आज नहीं हैं तो फिर आदमी
तू इतना क्यों घमंड करता है, किस के लिए पाप करता है
हम सबको कितने महापुरुष, समझायेंगे, कितने कृष्ण , कितने राम, कितने गांधीजी कि जरूरत है, क्या हम कुछ नहीं कर सकते,
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